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मिर्गी (एपिलेप्सी) क्या है? लक्षण और उपचार

मिर्गी (एपिलेप्सी) क्या है - लक्षण और उपचार

*Read in English: What is Epilepsy? Symptoms and Treatment

मुख्य बिंदु (Highlights)

  • मिर्गी एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) मस्तिष्क संबंधी रोग है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
  • यह एक गैर-संक्रामक रोग है।
  • यह दुनिया की सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में से एक है, जो विश्वभर में लगभग 7 करोड़ लोगों और भारत में लगभग 1.2 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है।
  • मिर्गी से पीड़ित लोगों में समय से पहले मृत्यु का खतरा सामान्य जनसंख्या की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक होता है।
  • सही निदान और उपचार के साथ, लगभग 70% मिर्गी के मरीज दौरे-मुक्त जीवन जी सकते हैं।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी (जिसे सीज़र डिसऑर्डर भी कहा जाता है) एक ऐसी स्थिति है जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है और इसके कारण दौरे (फिट्स) पड़ते हैं। यह दुनिया भर में सबसे आम तंत्रिका (न्यूरोलॉजिकल) विकारों में से एक है और किसी भी उम्र में हो सकती है।

मिर्गी कोई एक बीमारी नहीं है, बल्कि विकारों का एक समूह है, जिसमें मरीज को बार-बार दौरे आते हैं। ये दौरे मस्तिष्क में अचानक और अनियंत्रित असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होते हैं।

दौरे व्यक्ति की गतिविधियों, मांसपेशियों के नियंत्रण, होश, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। सही उपचार और प्रबंधन के साथ, मिर्गी से पीड़ित कई लोग पूरी तरह सक्रिय और सामान्य जीवन जी पाते हैं।

यह समझना जरूरी है कि एक बार दौरा पड़ने का मतलब मिर्गी होना नहीं है। आमतौर पर मिर्गी का निदान तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को कम से कम 24 घंटे के अंतराल में दो या उससे अधिक बिना किसी स्पष्ट कारण के दौरे पड़ते हैं।

मिर्गी के लक्षण क्या हैं?

मिर्गी का मुख्य लक्षण दौरे आना है।

दौरे की पहचान कैसे करें:

  • शरीर का अचानक ढीला या सख्त हो जाना
  • अचानक गिर जाना
  • शरीर, हाथों या पैरों में अनियंत्रित झटके या ऐंठन
  • पेशाब पर नियंत्रण न रहना
  • आसपास के माहौल की सुध-बुध खो देना
  • खाली नजर से घूरते रहना
  • कुछ समय के लिए बोलने में असमर्थता
  • सामान्य रूप से प्रतिक्रिया न दे पाना
  • अजीब संवेदनाएं या भावनाएं (जैसे असामान्य गंध आना, देखने में बदलाव, घबराहट, डर, देजा वू, झनझनाहट या सुन्नपन)
  • भ्रम की स्थिति और असामान्य व्यवहार (इधर-उधर टहलना, अपने ही व्यवहार से अनजान रहना)

मिर्गी के दौरों से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • दौरे की अवधि: कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक।
  • दौरे की याद: मरीज को दौरा पड़ने की याद हो भी सकती है और नहीं भी।
  • उम्र: लक्षण सबसे अधिक छोटे बच्चों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिखते हैं, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • सूक्ष्म संकेत: थोड़ी देर का भ्रम, मूड में अचानक बदलाव, या बार-बार याददाश्त का कमजोर होना।
  • रिकवरी: कुछ मरीज तुरंत ठीक महसूस करते हैं, जबकि अन्य को मिनटों या घंटों तक थकान, भ्रम या कमजोरी महसूस हो सकती है।

मिर्गी का उपचार क्या है?

मिर्गी के उपचार का उद्देश्य दौरों को रोकना, उनके मूल कारणों का प्रभावी प्रबंधन करना और मरीज की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना होता है। खासकर अगर उपचार जल्दी शुरू हो जाए, तो यह काफी प्रभावी सिद्ध होता है।

मिर्गी की दवाएं

  • सोहाना हॉस्पिटल के न्यूरो विशेषज्ञ दौरे रोकने या उनकी आवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए एंटी-सीज़र (दौरा-रोधी) दवाएं देते हैं।
  • दवा का चयन दौरे के प्रकार, मरीज की उम्र और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।
  • जहां अधिकतर मरीज एक ही दवा से ठीक प्रतिक्रिया देते हैं, वहीं कुछ को दवाओं के संयोजन की जरूरत पड़ सकती है।

जीवनशैली में बदलाव

  • पर्याप्त नींद: नींद पूरी न होना दौरे का एक बड़ा कारण हो सकता है। नियमित नींद का समय तय करने से दौरों की आवृत्ति कम हो सकती है।
  • तनाव प्रबंधन: तनाव से जुड़े ट्रिगर्स को योग, ध्यान, काउंसलिंग और अन्य तकनीकों से नियंत्रित किया जा सकता है।
  • आहार: कुछ खास मामलों में, विशेष रूप से बच्चों में या जब दवाएं असर न करें, तब कीटोजेनिक डाइट जैसे विशेष आहार फायदेमंद हो सकते हैं।

सर्जरी

अगर मरीज दवाओं से लाभ नहीं पाता, तो मस्तिष्क सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसमें दौरे के केंद्र (सीज़र फोकस) को हटाया या अलग किया जाता है। टेम्पोरल लोब रिसेक्शन और लीज़नएक्टॉमी ऐसी ही दो सर्जरी हैं, जो दौरों को कम करने या रोकने में मदद कर सकती हैं।

न्यूरोस्टिमुलेशन डिवाइस

कुछ मरीजों में, जहां सर्जरी संभव नहीं होती, विशेष उपकरण मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। वेगस नर्व स्टिम्युलेटर (VNS) और रिस्पॉन्सिव न्यूरोस्टिमुलेशन (RNS) ऐसे ही दो उपकरण हैं।

अतिरिक्त उपचार

हालांकि इनके प्रमाण अलग-अलग स्तर के हैं, लेकिन एक्यूपंक्चर, बायोफीडबैक और म्यूजिक थेरेपी जैसी पूरक तकनीकें मरीज को अतिरिक्त सहारा दे सकती हैं। हालांकि, इन्हें मुख्य चिकित्सा उपचार के विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि उसके साथ ही अपनाया जाना चाहिए।


डॉक्टर से कब मिलें?

  • बार-बार बिना कारण दौरे: यदि आपको या किसी अपने को बार-बार बिना किसी स्पष्ट कारण के दौरे पड़ रहे हैं, तो किसी अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट से तुरंत संपर्क करें। सही निदान और उपचार से लगभग 70% मरीज दौरे-मुक्त जीवन जी सकते हैं।
  • निदान में संदेह: कभी-कभी दिल की समस्याएं, मानसिक स्थितियां या बेहोशी भी दौरे जैसे लक्षण दिखा सकती हैं। विस्तृत जांच से सही कारण का पता लगाया जा सकता है।
  • दवाओं से जुड़े सवाल या साइड इफेक्ट्स: जो लोग पहले से मिर्गी की दवाएं ले रहे हैं, उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, ताकि दवाओं की प्रभावशीलता और दुष्प्रभावों की निगरानी की जा सके।

सोहाना हॉस्पिटल एक प्रतिष्ठित सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है। यहाँ आप चंडीगढ़ के अनुभवी और श्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट्स से परामर्श ले सकते हैं, जो प्रत्येक मरीज की स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत मिर्गी (एपिलेप्सी) उपचार प्रदान करते हैं, ताकि सर्वोत्तम परिणाम मिल सकें। अत्याधुनिक जाँच सुविधाएँ, नवीनतम उपचार तकनीकें और संवेदनशील देखभाल के माध्यम से मिर्गी के दौरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे मरीज एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकें।


निष्कर्ष

मिर्गी मस्तिष्क से जुड़ी एक जटिल स्थिति है, जिसके लक्षण हल्की जागरूकता में कमी से लेकर गंभीर दौरों तक हो सकते हैं। इसके लक्षणों, ट्रिगर्स और उपचार विकल्पों को समझना मरीजों और उनके परिवारों को इस न्यूरोलॉजिकल बीमारी को बेहतर तरीके से संभालने में सक्षम बनाता है।

हालांकि मिर्गी का पूर्ण इलाज अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन आधुनिक उपचार पद्धतियां इसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकती हैं, जिससे मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण है समय पर निदान और व्यक्तिगत उपचार योजना। यदि आपको या आपके किसी परिचित को मिर्गी होने का संदेह है, तो बिना देरी किए विशेषज्ञ से सलाह लें। सही दवा, जीवनशैली में बदलाव या सर्जरी जैसे विकल्प मरीज के जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार ला सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या मिर्गी पूरी तरह ठीक हो सकती है?

मिर्गी हमेशा पूरी तरह ठीक हो जाए, यह जरूरी नहीं है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि अधिकांश मामलों में इसे बहुत अच्छे से नियंत्रित किया जा सकता है। सही निदान और व्यक्तिगत उपचार योजना के साथ कई मरीज लंबे, सक्रिय और दौरे-मुक्त जीवन जीते हैं। सोहाना हॉस्पिटल, मोहाली में मिर्गी के इलाज में बेहतरीन परिणाम देखने को मिलते हैं।

2. मिर्गी के शुरुआती चेतावनी संकेत क्या हैं?

शुरुआती लक्षणों में अचानक बेहोशी, बिना कारण घूरते रहना, शरीर में झटके, भ्रम की स्थिति या थोड़ी देर के लिए होश खो देना शामिल हो सकता है। ऐसे किसी भी लक्षण पर तुरंत न्यूरोलॉजिकल जांच कराएं।

3. क्या मिर्गी आजीवन रहने वाली बीमारी है?

जरूरी नहीं। कुछ लोगों को सीमित समय तक ही दौरे आते हैं और विशेषज्ञ की देखरेख में वे दवाएं बंद भी कर सकते हैं। वहीं कुछ को लंबे समय तक इलाज की जरूरत पड़ सकती है। सही देखभाल के साथ मिर्गी जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करती।

4. मिर्गी का इलाज कैसे किया जाता है?

सोहाना हॉस्पिटल, मोहाली में मरीज की स्थिति के अनुसार उपचार किया जाता है। आमतौर पर इलाज एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं से शुरू होता है, जो अधिकांश मरीजों में प्रभावी होती हैं। कुछ मामलों में डाइट, नर्व स्टिमुलेशन या सर्जरी पर भी विचार किया जाता है।

5. क्या मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है?

हां। WHO के अनुसार, मिर्गी से पीड़ित लगभग 70% लोग समय पर निदान और सही इलाज मिलने पर सामान्य जीवन जी सकते हैं। सही दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और नियमित फॉलो-अप से अधिकतर लोग पढ़ाई, नौकरी, यात्रा और एक संतोषजनक जीवन जीते हैं।