
*Read in English: Why Does Migraine Keep Coming Back? Know Its Causes
माइग्रेन सिर्फ एक तेज़ सिरदर्द नहीं है। माइग्रेन का अटैक न केवल आपके काम पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि कई बार आपको पूरे दिन बिस्तर पर पड़े रहने के लिए मजबूर कर देता है और आपकी दिनचर्या पूरी तरह बिगाड़ देता है। कुछ लोगों को धीरे-धीरे यह समझ आने लगता है कि उन्हें माइग्रेन किन कारणों से होता है, जबकि कई लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि उनकी रोज़मर्रा की आदतें ही इस समस्या के लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं।
अपने माइग्रेन के ट्रिगर्स (कारकों) को पहचानना, भविष्य में माइग्रेन के अटैक्स की आवृत्ति को काफी हद तक कम कर सकता है। आप कितना पानी पीते हैं, क्या खाते हैं—ऐसी छोटी-छोटी दैनिक आदतें भी माइग्रेन को बढ़ा या घटा सकती हैं।
तनाव (Stress)
क्या आप आसानी से तनाव में आ जाते हैं? माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले प्रमुख कारणों में तनाव सबसे ऊपर है। तनाव किसी भी वजह से हो सकता है—व्यक्तिगत, पेशेवर, स्वास्थ्य संबंधी आदि। तनाव हार्मोनल बदलाव और मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जो माइग्रेन का कारण बन सकता है।
क्या करें: दैनिक जीवन में तनाव को नियंत्रित करना सीखें। योग, ध्यान, गहरी साँस लेने के अभ्यास, प्रकृति में टहलना और काउंसलिंग जैसी तकनीकें तनाव को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती हैं।
नींद से जुड़ी समस्याएँ (Sleep Issues)
क्या आपकी नींद का समय अनियमित है? बहुत कम या बहुत ज़्यादा सोना शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ देता है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। इसके अलावा, अचानक नींद की दिनचर्या में बदलाव—जैसे सप्ताहांत में देर से उठना या सामान्य से देर से सोना—भी माइग्रेन का कारण बन सकता है।
क्या करें: हर दिन, यहाँ तक कि सप्ताहांत में भी, एक नियमित नींद का समय बनाए रखें। प्रतिदिन 7–9 घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेने का प्रयास करें।
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
क्या आप अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं? पानी को जीवन का अमृत कहा गया है। शरीर में पानी की कमी माइग्रेन का एक प्रमुख कारण बन सकती है। डिहाइड्रेशन से रक्त संचार प्रभावित होता है और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे माइग्रेन हो सकता है।
क्या करें: दिन में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएँ। जहाँ भी जाएँ, अपने साथ पानी की बोतल रखें। यदि याद नहीं रहता, तो शुरुआत में रिमाइंडर लगा सकते हैं। धीरे-धीरे यह एक आदत बन जाएगी।
भोजन छोड़ना (Missing Meals)
क्या आपको नाश्ता करने का समय नहीं मिलता? भोजन के बीच लंबे अंतराल से ब्लड शुगर का स्तर गिर सकता है, जो माइग्रेन का एक शक्तिशाली ट्रिगर है। उपवास या डाइटिंग हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होती।
क्या करें: भोजन के बीच लंबे अंतराल से बचें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में, संतुलित और बार-बार भोजन करने की आदत डालें। अपने साथ हेल्दी स्नैक्स रखें, जैसे—मूंगफली, फल, दही, अंकुरित अनाज (स्प्राउट्स), स्मूदी, भुने चने, घी में भुने मखाने आदि।
कैफीन (Caffeine)
क्या आपको चाय या कॉफी पसंद है? ज़्यादातर लोगों को होती है। कुछ लोगों को थोड़ी मात्रा में कैफीन से राहत मिलती है, लेकिन याद रखें—बहुत ज़्यादा कैफीन या रोज़ की आदत से अचानक कैफीन छोड़ देना, दोनों ही माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
क्या करें: यदि आप चाय या कॉफी पीते हैं, तो इसे सीमित मात्रा में और रोज़ एक समान मात्रा में लें। चाय या कॉफी को अचानक बंद न करें।
कुछ विशेष खाद्य पदार्थ और पेय (Specific Foods and Beverages)
क्या कभी पकौड़े और सॉस खाने के बाद माइग्रेन हुआ है? बासी चीज़, प्रोसेस्ड मीट, चॉकलेट, टमाटर सॉस, अजीनो-मोटो या अन्य कृत्रिम फ्लेवर वाले खाद्य पदार्थ कुछ लोगों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। शराब भी कई लोगों के लिए माइग्रेन का कारण बनती है।
क्या करें: ध्यान दें कि कौन-से खाद्य पदार्थ आपको माइग्रेन देते हैं। इसके लिए आप लिखित नोट्स रख सकते हैं। जो चीज़ें माइग्रेन ट्रिगर करती हैं, उनसे परहेज़ करें।
स्क्रीन का अधिक उपयोग (Screen Use)
क्या आप दिनभर मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन से चिपके रहते हैं? लंबे समय तक स्क्रीन देखने से गलत पोश्चर, आँखों में तनाव और टेंशन हेडेक हो सकता है, जो आगे चलकर माइग्रेन का रूप ले सकता है।
क्या करें: आज के समय में स्क्रीन का उपयोग टाला नहीं जा सकता। लेकिन बीच-बीच में छोटे ब्रेक लें या 20-20-20 नियम अपनाएँ (हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)। स्क्रीन की ब्राइटनेस को भी सही स्तर पर रखें।
तेज़ रोशनी और शोर (Bright Lights and Loud Noises)
क्या आपको तेज़ आवाज़ या चमकती रोशनी सहन नहीं होती? कुछ लोगों को फ्लैशिंग लाइट्स या तेज़ शोर से परेशानी होती है। ये ट्रिगर्स अक्सर पब, क्लब, शादियों और अन्य आयोजनों में होते हैं।
क्या करें: फ्लैशिंग लाइट्स से बचें, तेज़ रोशनी में सनग्लास पहनें और बहुत शोर वाली जगहों पर नॉइज़-कैंसलिंग हेडफोन का उपयोग करें।
पर्यावरण में बदलाव (Environmental Changes)
क्या आप मौसम के बदलाव के प्रति संवेदनशील हैं? तापमान, नमी या वायुदाब में बदलाव शरीर को प्रभावित कर सकता है और माइग्रेन ट्रिगर कर सकता है। चूँकि मौसम हमारे नियंत्रण में नहीं है, इसलिए पहले से तैयारी करना ज़रूरी है।
क्या करें: मौसम में अचानक बदलाव होने पर घर के अंदर रहने की कोशिश करें। खुद को हाइड्रेट रखें और मौसम बदलने के समय माइग्रेन की दवा पास में रखें।
तेज़ गंध (Strong Odours)
क्या आपको परफ्यूम या तेज़ गंध से परेशानी होती है? खुशबू, धुआँ, क्लीनिंग एजेंट्स या कुछ खाद्य पदार्थों की तेज़ गंध भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है।
क्या करें: जहाँ तेज़ गंध हो, वहाँ मास्क पहनने की कोशिश करें। इससे अप्रिय गंध को फ़िल्टर करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
माइग्रेन दर्द और असहजता के कारण डराने वाला लग सकता है। लेकिन अपने माइग्रेन ट्रिगर्स को पहचानना और उनसे बचना, इस समस्या को नियंत्रित करने में चमत्कारिक रूप से मदद कर सकता है। इसका मतलब है—एक बेहतर और ज़्यादा सुकून भरा जीवन।
जैसा कि आपने देखा, हर व्यक्ति के ट्रिगर्स अलग होते हैं। हम आपको सलाह देते हैं कि आप इस बात पर ध्यान दें कि आपके माइग्रेन को क्या ट्रिगर करता है। इस जानकारी के साथ आप माइग्रेन को रोकने या उसकी आवृत्ति कम करने के लिए सही कदम उठा सकते हैं। यही एक अधिक संतोषजनक जीवन की कुंजी है।
यदि आपको माइग्रेन के प्रबंधन और इलाज के लिए व्यक्तिगत सलाह चाहिए, तो सोहाना हॉस्पिटल, मोहाली में संपर्क करें। यहाँ चंडीगढ़ के कुछ बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट उपलब्ध हैं, जो ट्राइसिटी और पूरे उत्तर भारत से आने वाले मरीजों का नवीनतम डायग्नोस्टिक टूल्स और आधुनिक उपचार तकनीकों से इलाज कर रहे हैं, ताकि वे माइग्रेन और अन्य मस्तिष्क संबंधी समस्याओं पर काबू पा सकें।
अपने माइग्रेन ट्रिगर्स को पहचानें, उन्हें नियंत्रित करना सीखें, माइग्रेन पर जीत पाएँ और दर्द-मुक्त जीवन जिएँ!
माइग्रेन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. क्या हार्मोनल बदलाव माइग्रेन का कारण बन सकते हैं?
हाँ। महिलाओं में मासिक धर्म, गर्भावस्था या मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। अपने साइकिल को ट्रैक करने से माइग्रेन का अनुमान लगाने और प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
2. क्या माइग्रेन हमेशा सिरदर्द से ही शुरू होता है?
नहीं। शुरुआती लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, जैसे मतली, दृष्टि में बदलाव या माइग्रेन से पहले ‘ऑरा’ महसूस होना। कुछ मामलों में ‘साइलेंट माइग्रेन’ भी होता है, जिसमें सिरदर्द नहीं होता।
3. क्या एलर्जी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है?
एलर्जी के कारण साइनस में सूजन और दबाव बन सकता है, जो कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण बनता है। ऐसे माइग्रेन से बचने के लिए मौसमी एलर्जी का सही प्रबंधन ज़रूरी है।
4. क्या माइग्रेन के मरीजों को व्यायाम से बचना चाहिए?
नहीं। बस थोड़ी सावधानी रखें। व्यायाम से पहले वार्म-अप करें और एक्सरसाइज़ नियमित व मध्यम स्तर की रखें। बहुत तेज़ या अचानक हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट से बचें, क्योंकि यह कुछ लोगों में माइग्रेन ट्रिगर कर सकता है।
5. क्या खराब पोश्चर (शरीर की गलत मुद्रा) माइग्रेन का कारण बन सकता है?
हाँ। लंबे समय तक गलत पोश्चर में बैठने या खड़े रहने से गर्दन और कंधों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे टेंशन हेडेक या माइग्रेन हो सकता है।
