
*Read in English: Warning Signs of Arthritis: Early Symptoms You Shouldn’t Ignore
हम अक्सर जोड़ों में होने वाली तकलीफ़ को उम्र बढ़ने या थकान का सामान्य हिस्सा मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन जब यह असहजता लगातार बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। आर्थराइटिस एक गंभीर स्थिति है, जो समय के साथ कार्टिलेज के प्राकृतिक घिसाव या जोड़ों में सूजन के कारण विकसित होती है। यह स्थिति आमतौर पर हल्के जोड़ों के दर्द से शुरू होती है और धीरे-धीरे जीवन की गुणवत्ता तथा शरीर की गतिशीलता (मोबिलिटी) को प्रभावित करने लगती है।
इस ब्लॉग में हम आर्थराइटिस के कुछ शुरुआती चेतावनी संकेतों के बारे में चर्चा करेंगे और बताएंगे कि इन्हें नज़रअंदाज़ क्यों नहीं करना चाहिए।
जोड़ों में दर्द
‘आर्थराइटिस’ एक व्यापक शब्द है, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक अलग-अलग प्रकार की स्थितियाँ आती हैं। अलग-अलग प्रकार के आर्थराइटिस में लक्षण भी अलग हो सकते हैं। हालांकि, सबसे पहला और आम लक्षण लगातार बना रहने वाला जोड़ों का दर्द (जिसे आर्थ्राल्जिया भी कहा जाता है) होता है।
शुरुआत में यह दर्द जलन जैसा या हल्की-सी लगातार पीड़ा के रूप में महसूस हो सकता है। यह दर्द अक्सर अधिक गतिविधि के बाद महसूस होता है, जैसे कई मंज़िलें चढ़ना या लंबे समय तक झुककर बागवानी करना।
कुछ लोगों को सुबह उठते ही जोड़ों में अकड़न और दर्द महसूस होता है, जबकि कुछ को मौसम में नमी बढ़ने या बारिश के समय जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। यदि जोड़ों के दर्द को नज़रअंदाज़ किया जाए, तो इससे सूजन बढ़ सकती है और कार्टिलेज को नुकसान पहुँच सकता है। समय पर पहचान और उपचार से जोड़ों को आगे होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
अकड़न (स्टिफ़नेस)
आर्थराइटिस का एक और सामान्य चेतावनी संकेत जोड़ों में अत्यधिक अकड़न है, जिससे उनकी गति की सीमा कम हो जाती है। यह अकड़न अक्सर सुबह के समय या लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के बाद अधिक महसूस होती है।
शुरुआत में यह अकड़न कुछ ही मिनटों तक रह सकती है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक स्थायी समस्या बन सकती है, जिसे ठीक होने में घंटों लग सकते हैं। इससे साधारण काम, जैसे बोतल या जार खोलना, घुटनों को मोड़ना या दरवाज़े का हैंडल घुमाना भी मुश्किल लगने लगता है।
जोड़ों में अकड़न क्यों होती है? आर्थराइटिस के कारण जोड़ों की अंदरूनी परत मोटी और सूज जाती है, जिससे जोड़ों की स्मूथ मूवमेंट प्रभावित होती है और लचीलापन कम हो जाता है।
यदि इस संकेत को नज़रअंदाज़ किया जाए, तो सूजन खतरनाक स्तर तक बढ़ सकती है। हालांकि, समय पर ध्यान देने, हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करने और दिनभर सक्रिय रहने से अकड़न में सुधार देखा जा सकता है।
थकान
आर्थराइटिस केवल जोड़ों की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक क्रॉनिक कंडीशन है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। कई लोगों को जोड़ों का दर्द गंभीर होने से पहले ही बिना किसी स्पष्ट कारण के कमजोरी, सुस्ती या अत्यधिक थकान महसूस होने लगती है। यह थकान जोड़ों में मौजूद सूजन के कारण होती है।
इसलिए, केवल जोड़ों ही नहीं बल्कि पूरे शरीर का ध्यान रखना ज़रूरी है। पर्याप्त पानी पिएँ, अच्छी नींद लें और तनाव को नियंत्रित करें, ताकि थकान से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
क्लिकिंग या पॉपिंग की आवाज़
जब जोड़ों का कार्टिलेज क्षतिग्रस्त होने लगता है, तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने पर पॉपिंग, क्लिकिंग या घिसने जैसी आवाज़ें सुनाई दे सकती हैं। इसे ‘क्रेपिटस’ कहा जाता है। यह आर्थराइटिस का एक सामान्य संकेत है और आमतौर पर घुटनों, कंधों या हाथों के जोड़ों में देखा जाता है।
कभी-कभार जोड़ों से आवाज़ आना चिंताजनक नहीं होता, लेकिन यदि यह बार-बार हो या दर्द के साथ हो, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय रहते रोकथाम से कार्टिलेज को और अधिक नुकसान से बचाया जा सकता है।
डॉक्टर से कब मिलें?
जैसे ही आपको आर्थराइटिस के ये शुरुआती लक्षण महसूस होने लगें, आपको किसी विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। सोहाना हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट बुक करें और चंडीगढ़ व मोहाली के अनुभवी ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों से सलाह लें।
हम किफ़ायती दरों पर उच्चतम स्तर की मरीज देखभाल प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं, ताकि आप दर्द-मुक्त जीवन जी सकें और सहज रूप से चल-फिर सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या हर जोड़ों का दर्द आर्थराइटिस के कारण होता है?
नहीं। सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द का कारण आर्थराइटिस नहीं होता। कभी-कभी चोट, मांसपेशियों में खिंचाव या अत्यधिक उपयोग के कारण भी अस्थायी दर्द हो सकता है।
2. अगर जोड़ों में दर्द हो तो व्यायाम कैसे करें?
यदि आपको लगातार जोड़ों में दर्द रहता है, तो भारी या ज़ोरदार व्यायाम नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, हल्के और लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज़ करें, जिनमें धीमी और सावधानीपूर्वक मूवमेंट शामिल हों, ताकि दर्द और अकड़न में राहत मिल सके।
3. जोड़ों को स्वस्थ कैसे रखें?
संतुलित आहार लें, नियमित रूप से सक्रिय रहें और स्वस्थ वजन बनाए रखें। ये सभी आदतें आपके जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
